Definition and Meaning of Bank Rate in Hindi

Definition and Meaning of Bank Rate in Hindi


बैंक दर एक आधिकारिक ब्याज दर होती है, जिस पर किसी देश की केंद्रीय बैंक  बैंकिंग प्रणाली ( अन्य बैंकों )  को ऋण प्रदान करेगा जिसमें वाणिज्यिक / सहकारी बैंक, विकास बैंक आदि शामिल हैं।

अगर आप यह सोच रहे हैं कि भला किसी बैंक को केंद्रीय बैंक से ऋण लेने की क्या आवश्यकता है तो आपका सोचना सही है | दरअसल  किस भी  बैंक को अपने पास ग्राहकों द्वारा जमा किया गया धन आंशिक रूप से ऋण में बितरित करना होता है और बाकी का धन केंद्रीय बैंक के पास जमा करना होता है ( यह  एक क़ानूनी नियम है ) | अब अगर उस बैंक को अपने दैनिक कार्यों के लिए धन की आवशकयता होगी तो उसे  राशि  को केंद्रीय बैंक से ऋण के रूप में लेना होगा | इसके अतिरिक्त अगर बैंक को कभी किसी कारणवश धन की आवश्यकता होती है तो भी वह केंद्रीय बैंक से धन ऋण  के रूप में ले सकता है |

Importance of Bank Rate in Hindi


बैंक रेट सुनने में जितना सरल लगता है  उतना ही महत्वपूर्ण भी है | हालांकि बैंक रेट के महत्व को समझने से पहले हमें इन्फ्लेशन और deflation को समझना होगा |  इन्फ्लेशन एक ऐसी स्थिति होती है जहां किसी अर्थव्यवस्था में लोगों के पास अत्यधिक पैसा होता है और इसके चलते वस्तुओं और सेवाओं की मांग बहुत बढ़ जाती है |  इससे चीजों के दामों में बहुत तेज बढ़ोतरी होने लगती है | इसके ठीक उलट अर्थात जब लोगों के पास बहुत कम पैसा होता है और  मांग की कमी के कारण जब  चीजों के दामों में गिरावट होने लगती है  तो उसे deflation कहते हैं |  बैंक रेट की मदद से इन दोनों स्थितियों से निपटा जा सकता है |

हम सभी जानते हैं कि अर्थव्यवस्था की धन की आपूर्ति का एक बड़ा हिस्सा बैंकों द्वारा किया जाता है |  बैंक विभिन्न प्रकार के ऋणों के रूप में अर्थव्यवस्था में धन की आपूर्ति करते हैं |

जब किसी देश के केंद्रीय बैंक को लगता है कि देश में इन्फ्लेशन की समस्या हो रही है तो केंद्रीय बैंक बैंक रेट को बढ़ा देता है |  इससे  बैंकों के लिए ऋण लेने की लागत बढ़ जाती है ।  इसके जबाब में बैंक भी अपने दरों को बढ़ा देते है | इससे इससे उन लोगों की संख्या कम हो जाती है जो बैंकों से ऋण लेने वाले होते हैं और  अर्थव्यवस्था में धन की बहुलता खत्म हो जाती है |

इससे विपरीत अगर अर्थव्यवस्था में deflation की समस्या पैदा होने लगे तो केंद्रीय बैंक बैंक रेट को घटा देती है | इससे आम बैंक भी  व्याज दरों  को घटा देते हैं और इससे अधिक से अधिक लोग ऋण लेने के लिए प्रेरित होते हैं | इससे अर्थव्यवस्था में धन की आपूर्ति बढ़ने लगती है |

इस लिहाज से देखा जाए तो बैंक रेट अर्थव्यवस्था को काबू में रखने का एक बहुत ही महत्वपूर्ण साधन है जिसका उपयोग लगभग हर एक देश की केंद्र बैंक द्वारा किया जाता है |

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